Guest guest Posted March 28, 2009 Report Share Posted March 28, 2009 जय गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ , कà¥à¤¯à¤¾ आप जानते हैं की गà¥à¤°à¤¹ दोष कà¥à¤¯à¤¾ है?.... और कैसे इसका पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पूरे जीवन की खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को समापà¥à¤¤ ही कर देता है . वासà¥à¤¤à¥ दोष कà¥à¤¯à¤¾ है? कैसे इस दोष से घर की सà¥à¤– शांति ही समापà¥à¤¤ हो जाती है ... पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ लोगो को ये शिकायत रहती है की हम पूजा पाठकरते हैं सà¤à¥€ देवी देवताओं को नमन करते हैं पर हमारा दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ बढ़ता ही जाता है. वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से किसी खास मनà¥à¤¤à¥à¤° की साधना किये जा रहे हैं पर सफलता तो मानों कोसो दूर है ही साथ ही साथ तकलीफे कम होने के बजाय बढती ही चली जा रही है................. à¤à¤¸à¥‡ कितने ही पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ हैं जिनका उतà¥à¤¤à¤° पाने में लोग अपना जीवन लगा देते हैं पर जितना कोशिश करते हैं उससे कही जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उलà¤à¤¤à¥‡ चले जाते हैं. इन सारे ही पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤° के पास हैं शरà¥à¤¤ à¤à¤• ही है की विवेचना जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हो मतलब जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· जब तक किसी की विवेचना करता है तब तक तो वो विवेचन सही रहता है पर जैसे ही जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥€ बोलना पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकरता है सारा का सारा दही फ़ैल ही जाता है. चलिठआज हम उन सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ को समà¤à¤¨à¥‡ की कोशिश करते हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सदगà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ ने हमें बताया तो है पर हम ही उन सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ को विसà¥à¤®à¥ƒà¤¤ कर बैठे हैं. मैंने अपने २२ वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥€à¤¯ जीवन में कà¤à¥€ à¤à¥€ इन सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ को गलत नहीं पाया है .१. कà¥à¤¯à¤¾ किनà¥à¤¹à¥€ सà¥à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में देवी -देवताओं का पूजन à¤à¥€ अशà¥à¤ हो जाता है ? हाठअगर किसी की कà¥à¤‚डली के दà¥à¤¸à¤°à¥‡ घर में कोई गà¥à¤°à¤¹ नहीं हो और उसके आठवे और बारहवे à¤à¤¾à¤µà¤ƒ में जो à¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹ बैठे हो वो आपस में शतà¥à¤°à¥à¤¤à¤¾ रखते हों तो à¤à¤¸à¥‡ हालत में किसी à¤à¥€ देवी देवता का पूजन अशà¥à¤ हो जाता है कà¥à¤¯à¥‚ंकि १२ à¤à¤¾à¤µ मोकà¥à¤· या समाधी का à¤à¥€ कारक है,२ à¤à¤¾à¤µ धरà¥à¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का कारक है,और ८ à¤à¤¾à¤µ मृतà¥à¤¯à¥ का .अब यदि २ à¤à¤¾à¤µ खली होगा तो उसे जब मृतà¥à¤¯à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का गà¥à¤°à¤¹ पूरà¥à¤£ दृषà¥à¤Ÿà¤¿ मतलब ॠदृषà¥à¤Ÿà¤¿ से देखेगा तो आपके साधना का फल à¤à¥€ शूनà¥à¤¯ ही होगा. और संयà¥à¤•à¥à¤¤ रूप से बैठे हà¥à¤ १२ à¤à¤¾à¤µ का सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ यदि शतà¥à¤°à¥ ही हà¥à¤† तो उस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की अशà¥à¤à¤¤à¤¾ कही जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बॠकर होगी ही .à¤à¤¸à¥‡ में यदि वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ किसी धरà¥à¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ करता है या उसके निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिठदान देता है तो उसका विपरीत पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• ही है .और à¤à¤• बात मैं यहाठसà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ कर देता हूठकी ये पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ सिरà¥à¤« आप को ही नहीं होता बलà¥à¤•à¤¿ आपकी पूजा का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ बहà¥à¤¤ से जगह पर हो सकता है उदाहरण यदि वहा ८ à¤à¤¾à¤µ में सूरà¥à¤¯ अपने शतà¥à¤°à¥ के साथ जो की ८ वे à¤à¤¾à¤µà¥ से समà¥à¤¬à¤‚धित हो तो आरà¥à¤¥à¤¿à¤• हानि, शासन समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€,पिता को à¤à¥€ कषà¥à¤Ÿ होगा .चनà¥à¤¦à¥à¤° होगा तो माठको,मानसिक शांति को, मंगल होगा तो रकà¥à¤¤ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€,à¤à¤¾à¤ˆ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€, लड़ाई à¤à¤—डे का,बà¥à¤§ होगा तो वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° को,बहन को,शà¥à¤•à¥à¤° होगा तो सà¥à¤– शांति, पतà¥à¤¨à¥€ को,गà¥à¤°à¥ हà¥à¤† तो विदà¥à¤¯à¤¾ ,जà¥à¤žà¤¾à¤¨, वकॠकà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ को,शनि हà¥à¤† तो बड़े तौ, या चाचा, नौकरी को, राहू हà¥à¤† तो ससà¥à¤°à¤¾à¤² को, केतॠहà¥à¤† तो बेटे और मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ को हानि होगी . इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° जो लोग à¤à¤• ही समय में अपने पूजा सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में बहà¥à¤¤ सारे देवी देवता का पूजन करते रहते हैं या तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡ लगा कर रखते हैं वो लोग गलती से सà¤à¥€ ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ को जागà¥à¤°à¤¤ कर लेते हैं और ये ततà¥à¤µ आपस में ही टकराकर वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ हो जाते हैं .यही कारण है की लोग लगातार पूरे जीवन पूजा पाठकरते हैं और उमà¥à¤° रोते रहते हैं की à¤à¤—वान आपने हमें कà¥à¤› नहीं दिया .इस लिठसदगà¥à¤°à¥ से पूछकर सरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¥à¤® अपने इषà¥à¤Ÿ को जानना चाहिà¤.वे आपके ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ को पहचानकर आपको उसका जà¥à¤žà¤¾à¤¨ करा देंगे.वैसे इसका पता आपकी कà¥à¤‚डली के ५ वे à¤à¤¾à¤µ से होता है वो à¤à¤¾à¤µ आपके पूरà¥à¤µà¤œà¥€à¤µà¤¨ की किताब ही होता है . इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जो की आपके पà¥à¤°à¥‡à¤® का à¤à¥€ à¤à¤¾à¤µ है ये à¤à¥€ पता चल जाता है की आपके इषà¥à¤Ÿ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आपका पà¥à¤°à¥‡à¤® कितना आतà¥à¤®à¤¿à¤• है या आपको इषà¥à¤Ÿ की कृपा कब मिल पायेगी. यदि पंचमेश का सपà¥à¤¤à¤®à¥‡à¤¶ और वà¥à¤¯à¤¯à¥‡à¤¶ (१२ वे à¤à¤¾à¤µ का सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€) से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ बनता है तो इषà¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¥€à¤•à¤°à¤£ होना ही है, सफलता मिलनी ही है.यदि पंचम à¤à¤¾à¤µ में सूरà¥à¤¯ हो या वो यहाठका सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हो तो इषà¥à¤Ÿ विषà¥à¤£à¥ होंगे, चनà¥à¤¦à¥à¤° -शिवजी,मंगल-हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी,बà¥à¤§-दà¥à¤°à¥à¤—ा उपासना, बà¥à¤°à¤¹à¤¸à¥à¤ªà¤¤à¤¿ -शिवजी,विषà¥à¤£à¥ जी, शà¥à¤•à¥à¤°-लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€,शनि-à¤à¥ˆà¤°à¤µ, राहू-सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ,केतà¥-गणेश जी,... मतलब पà¥à¤°à¥à¤· गà¥à¤°à¤¹ वालो को देवता का और सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¤¹ वालों को देवी का चयन करना चाहिठ.साथ ही किस विधि से उपासना करना है इसका पता नवमॠà¤à¤¾à¤µ से लगता है. यदि पंचम à¤à¤¾à¤µ में सतगà¥à¤¨ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ राशिः है तो वैदिक विधि,मनà¥à¤¤à¥à¤° ,योग साधना करना उचित है .राजसी गà¥à¤£ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ राशिः है तो पूरà¥à¤¨à¥‹à¤ªà¥à¤šà¤¾à¤° पूजन व दकà¥à¤·à¤¿à¤£ मारà¥à¤— तथा तामस गà¥à¤£ यà¥à¤•à¥à¤¤ राशिः वालों के लिठउगà¥à¤° साधनाà¤à¤‚ उचित हैं. इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° अपने दà¥à¤µà¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का चयन à¤à¥€ सावधानी से करना चाहिà¤, हमेशा ६,८,१२ à¤à¤¾à¤µ में सà¥à¤¤à¤¿à¤¥ राशियों से समà¥à¤¬à¤‚धित अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहोने वाले मनà¥à¤¤à¥à¤° को न करना ही जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उचित है ,कà¥à¤¯à¥‚ंकि यदि हम अपने ६थ à¤à¤¾à¤µ की राशिः के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ वाले अकà¥à¤·à¤° से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहोने वाले मनà¥à¤¤à¥à¤° का यदि जप करते हैं तो करà¥à¤œ,शतà¥à¤°à¥,मà¥à¤•à¤¦à¤®à¤¾,रोग आदि पीछे लग जाते हैं, ८ वे से बीमारियाà¤,दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾,१२ वे से वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ का खरà¥à¤š होना ही है.इस लिठशासà¥à¤¤à¥à¤° आजà¥à¤žà¤¾ है की मनà¥à¤¤à¥à¤° हमेशा गà¥à¤°à¥à¤®à¥à¤– से ही लेना चाहिठ. गà¥à¤°à¥ अपने पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ से घरà¥à¤·à¤£ कर उसके ताप में उस मनà¥à¤¤à¥à¤° के दोषों को à¤à¤¸à¥à¤®à¥€à¤à¥‚त कर देता है .और वो मनà¥à¤¤à¥à¤° साधक के लिठनिरà¥à¤®à¤² व कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ हो जाता है. इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° सिरà¥à¤« तथाकथित वासà¥à¤¤à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के कहने पर घर में तोड़ फोड़ करने से गà¥à¤°à¤¹-वासà¥à¤¤à¥ आपके अनà¥à¤•à¥‚ल नहीं हो सकता बलà¥à¤•à¤¿ वासà¥à¤¤à¥ à¤à¤‚ग का à¤à¥€ दोष लग जाता है .हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को अपने घर की à¤à¥€ कà¥à¤‚डली बनवाकर देख लेना चाहिठ,ताकि à¤à¤¾à¤µà¥‹ के आधार पर दिशाओं की शकà¥à¤¤à¤¿ की जानकारी हो सके तथा शकà¥à¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¤¬à¤²à¤¤à¤¾ को संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ किया जा सके.वैसे à¤à¥€ जनà¥à¤® कà¥à¤‚डली में यदि शनि-राहू, मंगल-राहू, साथ में हो चाहे वो किसी à¤à¥€ à¤à¤¾à¤µ में हो तो वासà¥à¤¤à¥ दोष होता ही है. रही बात दिशा की पà¥à¤°à¤¬à¤²à¤¤à¤¾ की तो उसके लिठगृह सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ की कà¥à¤‚डली का अवलोकन करके ही दिशों की शकà¥à¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ को बताया जा सकता है. à¤à¤¸à¥€ किसी à¤à¥€ सà¥à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ में गृह दोष निवारण ,वासà¥à¤¤à¥ दोष निवारण साधना और गृह बाधा निवारण दीकà¥à¤·à¤¾ के लिठसदगà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करना ही शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤® उपाय है. à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में और कà¥à¤› सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डालने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¶ करूà¤à¤—ा .तब तक के लिठ"ॠशम" ****ARIF**** Add more friends to 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