Guest guest Posted October 28, 2009 Report Share Posted October 28, 2009 Jai Gurudev परमपूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखे गठगà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ " विशिषà¥à¤Ÿ सिदà¥à¤§ दà¥à¤°à¥à¤²à¤ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— " …पेज -३४ पूरà¥à¤µ जनà¥à¤® कृत दोष निवारणारà¥à¤¥ शमन पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— 8 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° तक यह पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना है. गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° के दिन साधक सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कर पीली धोती धारण कर पूरà¥à¤µ या उतà¥à¤¤à¤° दिशा की और मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये, सामने पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ का चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर उनकी पूजा करें. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नैवेदà¥à¤¯ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर, अगरबतà¥à¤¤à¥€ जलाये, घी का दीप जलाये और सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ‘गà¥à¤°à¥ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤·â€™ माला धारण कर पूरà¥à¤£ सातà¥à¤µà¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µ से ये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— संपनà¥à¤¨ करें. पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— विधि- साधक 3 बार दाहिने हाथ में जल लेकर पी ले और उसके बाद हाथ धो कर पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® करे और फिर दाहिने हाथ में जल,कà¥à¤®à¤•à¥à¤®,अकà¥à¤·à¤¤,पà¥à¤·à¥à¤ª ले कर संकलà¥à¤ª करें… ॠविषà¥à¤£à¥à¤°à¥à¤µà¤¿à¤·à¥à¤£à¥à¤°à¥à¤µà¤¿à¤·à¥à¤£à¥ देशकालौ संकीरà¥à¤¤à¥à¤¯ अमà¥à¤• गौतà¥à¤°à¤¸à¥à¤¯ अमà¥à¤• शरà¥à¤®à¤¾à¤¹à¤® ममोपरि इह जनà¥à¤® सà¥à¤µà¤•à¥ƒà¤¤ परकृत-कारित कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤®à¤¾à¤£ करिशà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤£-à¤à¥‚त-पà¥à¤°à¥‡à¤¤ पिशाचादी मंतà¥à¤°-तंतà¥à¤°-यनà¥à¤¤à¥à¤° तà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¤•à¤¾à¤¦à¤¿à¤œà¤¨à¥à¤¯ सकलदोश बाधा निवृतà¥à¤¤à¤¿ पूरà¥à¤µà¤• पूरà¥à¤£ सिदà¥à¤§à¤¿ दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥à¤°à¤¾à¤°à¥‹à¤—à¥à¤¯ à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥€-पà¥à¤°à¤ªà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥à¤¥ शमन साधना पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करिषà¥à¤¯à¥‡| à¤à¤¸à¤¾ कह कर हाथ में लिया हà¥à¤† जल सामने रखे हà¥à¤ पातà¥à¤° में छोड़ दें और गले में पहनी हà¥à¤ˆ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° जप करें| ॠपरम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ नारायणाय गà¥à¤°à¥à¤à¥à¤¯à¥‹ नमः| 1 माला मंतà¥à¤° जप करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ उस रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला को गले में धारण कर लें और पूरà¥à¤µ दिशा की और मà¥à¤‚ह करके बैठजाà¤à¤, सामने गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करके घी का दीपक जलाà¤à¤‚ और हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गतः पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚द मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | 1) इसके बाद पूरà¥à¤µ की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी हà¥à¤ˆ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- ॠशà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय शà¥à¤°à¥€à¤‚ ॠ| 2) इसके बाद साधक अगà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤£ की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¸à¤¾à¤•à¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | इसके बाद साधक अगà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤£ की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- ॠà¤à¤®à¥ à¤à¤®à¥ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय à¤à¤®à¥ à¤à¤®à¥ नमः | 3) इसके बाद साधक दकà¥à¤·à¤¿à¤£ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर शà¥à¤µà¥‡à¤¤ वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ नाशयतॠसाकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | इसके बाद साधक दकà¥à¤·à¤¿à¤£ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- ॠहà¥à¤°à¥€à¤‚ परम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¯ हà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः | 4) इसके बाद साधक नैरितà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ नैरितà¥à¤¯ रकà¥à¤·à¤°à¤¾à¤œ साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | इसके बाद साधक नैरितà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- ॠकà¥à¤²à¥€à¤‚ कà¥à¤²à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय कà¥à¤²à¥€à¤‚ कà¥à¤²à¥€à¤‚ नमः | 5) इसके बाद साधक उतà¥à¤¤à¤° दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ उतà¥à¤¤à¤° दिशा वरà¥à¤£ साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | इसके बाद साधक उतà¥à¤¤à¤° दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- ॠशà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः | 6) इसके बाद साधक वायवà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ वायवà¥à¤¯ यकà¥à¤·à¤°à¤¾à¤œ साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | इसके बाद साधक वायवà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- ॠà¤à¤®à¥ हà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¯ शà¥à¤°à¥€à¤‚ हà¥à¤°à¥€à¤‚ à¤à¤®à¥ ॠ| 7) इसके बाद साधक पशà¥à¤šà¤¿à¤® दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ पशà¥à¤šà¤¿à¤® सोम विपà¥à¤°à¤°à¤¾à¤œ साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | इसके बाद साधक पशà¥à¤šà¤¿à¤® दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- ॠकà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय कà¥à¤°à¥€à¤‚ ॠ| 8) इसके बाद साधक ईशान कोण की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ ईशान पृथà¥à¤°à¤¤à¥à¤¨ साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | इसके बाद साधक ईशान कोण की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- ॠहà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¥ˆ हà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः | 9) इसके बाद साधक ऊपर आकाश दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अनंत बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤°à¤¾à¤œ साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | इसके बाद साधक ऊपर आकाश दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- ॠनिं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥Œ निं नमः | 10) इसके बाद साधक नीचे à¤à¥‚मि की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अधः नागराजो साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | इसके बाद साधक नीचे à¤à¥‚मि की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- ॠनिखिलं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¥ˆ निखिलं नमः | इसके बाद साधक इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° दसो दिशाओं से संबंधित पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कर पà¥à¤¨à¤ƒ मूल गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप पूरà¥à¤µ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के करे… ॠपरम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ नारायणाय गà¥à¤°à¥à¤à¥à¤¯à¥‹ नमः| इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° 1 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होता है | इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° 8 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° ये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना होता है | --\ ---------------------- Regards Akash Sharma Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
Guest guest Posted October 29, 2009 Report Share Posted October 29, 2009 Jai Gurudev, Excellent contribution Gurubhai !! Why don't you create a file and upload under file section ?So that people joining this group lateer point of time, can readily make use of this information. Regards,AnandAnand's Knowledge Series: /Tantra Public chat room: http://xat.com/ISSP AKASH SHARMA <ashakashash Sent: Thu, 29 October, 2009 12:52:15 AM Poorva Janm Krit Dosh Nivaran Prayog Jai Gurudevपरमपूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखे गठगà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ "विशिषà¥à¤Ÿ सिदà¥à¤§ दà¥à¤°à¥à¤²à¤ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—"…पेज -३४पूरà¥à¤µ जनà¥à¤® कृत दोष निवारणारà¥à¤¥ शमन पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—8 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° तक यह पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना है. गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° के दिन साधक सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करपीली धोती धारण कर पूरà¥à¤µ या उतà¥à¤¤à¤° दिशा की और मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये, सामनेपूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ का चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर उनकी पूजा करें. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नैवेदà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤°à¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर, अगरबतà¥à¤¤à¥€ जलाये, घी का दीप जलाये और सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ‘गà¥à¤°à¥ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤·â€™à¤®à¤¾à¤²à¤¾ धारण कर पूरà¥à¤£à¤¸à¤¾à¤¤à¥à¤µà¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µ से ये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— संपनà¥à¤¨ करें.पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— विधि-साधक 3 बार दाहिने हाथ में जल लेकर पी ले और उसके बाद हाथ धो करपà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® करे और फिर दाहिने हाथ में जल,कà¥à¤®à¤•à¥à¤®,अकà¥à¤·à¤¤,पà¥à¤·à¥à¤ª ले कर संकलà¥à¤ªà¤•à¤°à¥‡à¤‚…ॠविषà¥à¤£à¥à¤°à¥à¤µà¤¿à¤·à¥à¤£à¥à¤°à¥à¤µà¤¿à¤·à¥à¤£à¥ देशकालौ संकीरà¥à¤¤à¥à¤¯ अमà¥à¤• गौतà¥à¤°à¤¸à¥à¤¯ अमà¥à¤• शरà¥à¤®à¤¾à¤¹à¤®à¤®à¤®à¥‹à¤ªà¤°à¤¿ इह जनà¥à¤® सà¥à¤µà¤•à¥ƒà¤¤ परकृत-कारित कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤®à¤¾à¤£ करिशà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤£-à¤à¥‚त-पà¥à¤°à¥‡à¤¤à¤ªà¤¿à¤¶à¤¾à¤šà¤¾à¤¦à¥€ मंतà¥à¤°-तंतà¥à¤°-यनà¥à¤¤à¥à¤° तà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¤•à¤¾à¤¦à¤¿à¤œà¤¨à¥à¤¯ सकलदोश बाधा निवृतà¥à¤¤à¤¿ पूरà¥à¤µà¤•à¤ªà¥‚रà¥à¤£ सिदà¥à¤§à¤¿ दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥à¤°à¤¾à¤°à¥‹à¤—à¥à¤¯ à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥€-पà¥à¤°à¤ªà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥à¤¥ शमन साधना पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—करिषà¥à¤¯à¥‡|à¤à¤¸à¤¾ कह कर हाथ में लिया हà¥à¤† जल सामने रखे हà¥à¤ पातà¥à¤° में छोड़ दें और गलेमें पहनी हà¥à¤ˆ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° जप करें|ॠपरम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ नारायणाय गà¥à¤°à¥à¤à¥à¤¯à¥‹ नमः|1 माला मंतà¥à¤° जप करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ उस रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला को गले में धारण करलें और पूरà¥à¤µ दिशा की और मà¥à¤‚ह करके बैठजाà¤à¤, सामने गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¤•à¤°à¤•à¥‡ घी का दीपक जलाà¤à¤‚ और हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गतः पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तंनिखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚द मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतà¥à¤•à¤²à¤¿à¤‚ तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिःसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |1) इसके बाद पूरà¥à¤µ की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी हà¥à¤ˆà¤°à¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें-ॠशà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय शà¥à¤°à¥€à¤‚ ॠ|2) इसके बाद साधक अगà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤£ की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बादहाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¸à¤¾à¤•à¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तंनिखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतà¥à¤•à¤²à¤¿à¤‚ तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिःसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |इसके बाद साधक अगà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤£ की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनीरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें-ॠà¤à¤®à¥ à¤à¤®à¥ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय à¤à¤®à¥ à¤à¤®à¥ नमः |3) इसके बाद साधक दकà¥à¤·à¤¿à¤£ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट परशà¥à¤µà¥‡à¤¤ वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करेंऔर घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ नाशयतॠसाकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तंनिखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतà¥à¤•à¤²à¤¿à¤‚ तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिःसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |इसके बाद साधक दकà¥à¤·à¤¿à¤£ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनीरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें-ॠहà¥à¤°à¥€à¤‚ परम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¯ हà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः |4) इसके बाद साधक नैरितà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट परसफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करेंऔर घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ नैरितà¥à¤¯ रकà¥à¤·à¤°à¤¾à¤œ साकà¥à¤·à¥€à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतà¥à¤®à¤¾à¤°à¤¯à¤¤à¥ कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिःसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |इसके बाद साधक नैरितà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनीरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें-ॠकà¥à¤²à¥€à¤‚ कà¥à¤²à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय कà¥à¤²à¥€à¤‚ कà¥à¤²à¥€à¤‚ नमः |5) इसके बाद साधक उतà¥à¤¤à¤° दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट परसफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करेंऔर घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ उतà¥à¤¤à¤° दिशा वरà¥à¤£ साकà¥à¤·à¥€à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतà¥à¤®à¤¾à¤°à¤¯à¤¤à¥ कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिःसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |इसके बाद साधक उतà¥à¤¤à¤° दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनीरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें-ॠशà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः |6) इसके बाद साधक वायवà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट परसफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करेंऔर घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ वायवà¥à¤¯ यकà¥à¤·à¤°à¤¾à¤œ साकà¥à¤·à¥€à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतà¥à¤®à¤¾à¤°à¤¯à¤¤à¥ कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिःसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |इसके बाद साधक वायवà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनीरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें-ॠà¤à¤®à¥ हà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¯ शà¥à¤°à¥€à¤‚ हà¥à¤°à¥€à¤‚ à¤à¤®à¥ ॠ|7) इसके बाद साधक पशà¥à¤šà¤¿à¤® दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट परसफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करेंऔर घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ पशà¥à¤šà¤¿à¤® सोम विपà¥à¤°à¤°à¤¾à¤œà¤¸à¤¾à¤•à¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतà¥à¤¨à¤¾à¤¶à¤¯à¤¤à¥ मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥à¤¶à¤¾à¤‚तिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |इसके बाद साधक पशà¥à¤šà¤¿à¤® दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनीरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें-ॠकà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय कà¥à¤°à¥€à¤‚ ॠ|8) इसके बाद साधक ईशान कोण की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट परसफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करेंऔर घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ ईशान पृथà¥à¤°à¤¤à¥à¤¨ साकà¥à¤·à¥€à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतà¥à¤®à¤¾à¤°à¤¯à¤¤à¥ कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिःसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |इसके बाद साधक ईशान कोण की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनीरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें-ॠहà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¥ˆ हà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः |9) इसके बाद साधक ऊपर आकाश दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोटपर सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजाकरें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अनंत बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤°à¤¾à¤œà¤¸à¤¾à¤•à¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतà¥à¤¨à¤¾à¤¶à¤¯à¤¤à¥ मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥à¤¶à¤¾à¤‚तिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |इसके बाद साधक ऊपर आकाश दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनीरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें-ॠनिं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥Œ निं नमः |10) इसके बाद साधक नीचे à¤à¥‚मि की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट परसफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करेंऔर घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अधः नागराजो साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तंनिखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतà¥à¤•à¤²à¤¿à¤‚ तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिःसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |इसके बाद साधक नीचे à¤à¥‚मि की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनीरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें-ॠनिखिलं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¥ˆ निखिलं नमः |इसके बाद साधक इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° दसो दिशाओं से संबंधित पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कर पà¥à¤¨à¤ƒà¤®à¥‚ल गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप पूरà¥à¤µ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के करे…ॠपरम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ नारायणाय गà¥à¤°à¥à¤à¥à¤¯à¥‹ नमः|इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° 1 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होता है | इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° 8 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤°à¤¯à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना होता है |------------ --------- --------- --------- --------- --------- -RegardsAkash Sharma From cricket scores to your friends. 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Guest guest Posted October 29, 2009 Report Share Posted October 29, 2009 Jai Gurudev Aapka sujhav bahut achha hai bhaiya lekin mere paas is book ki photocopy hai jo ki scan karne layak nahi hai isliye maine ye tarika apnaya hai...aage isi book se aur prayog dene ki koshish karunga... Regards Akash Sharma On 10/29/09, Khatri Anand <khatrianand wrote: > Jai Gurudev, > > Excellent contribution Gurubhai !! > > Why don't you create a file and upload under file section ? > > So that people joining this group lateer point of time, can readily make use > of this information. > > Regards, > Anand > Anand's Knowledge Series: > > > / > Tantra Public chat room: http://xat.com/ISSP > > > > > ________________________________ > AKASH SHARMA <ashakashash > > Thu, 29 October, 2009 12:52:15 AM > Poorva Janm Krit Dosh Nivaran Prayog > > > Jai Gurudev > > परमपूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखे गठगà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ " विशिषà¥à¤Ÿ सिदà¥à¤§ दà¥à¤°à¥à¤²à¤ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— " …पेज -३४ > > पूरà¥à¤µ जनà¥à¤® कृत दोष निवारणारà¥à¤¥ शमन पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— > > 8 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° तक यह पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना है. गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° के दिन साधक सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कर > पीली धोती धारण कर पूरà¥à¤µ या उतà¥à¤¤à¤° दिशा की और मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये, सामने > पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ का चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर उनकी पूजा करें. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नैवेदà¥à¤¯ > समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर, अगरबतà¥à¤¤à¥€ जलाये, घी का दीप जलाये और सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ‘गà¥à¤°à¥ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤·â€™ > माला धारण कर पूरà¥à¤£ > सातà¥à¤µà¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µ से ये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— संपनà¥à¤¨ करें. > > पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— विधि- > > साधक 3 बार दाहिने हाथ में जल लेकर पी ले और उसके बाद हाथ धो कर > पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® करे और फिर दाहिने हाथ में जल,कà¥à¤®à¤•à¥à¤®,अकà¥à¤·à¤¤,पà¥à¤·à¥à¤ª ले कर संकलà¥à¤ª > करें… > > ॠविषà¥à¤£à¥à¤°à¥à¤µà¤¿à¤·à¥à¤£à¥à¤°à¥à¤µà¤¿à¤·à¥à¤£à¥ देशकालौ संकीरà¥à¤¤à¥à¤¯ अमà¥à¤• गौतà¥à¤°à¤¸à¥à¤¯ अमà¥à¤• शरà¥à¤®à¤¾à¤¹à¤® > ममोपरि इह जनà¥à¤® सà¥à¤µà¤•à¥ƒà¤¤ परकृत-कारित कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤®à¤¾à¤£ करिशà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤£-à¤à¥‚त-पà¥à¤°à¥‡à¤¤ > पिशाचादी मंतà¥à¤°-तंतà¥à¤°-यनà¥à¤¤à¥à¤° तà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¤•à¤¾à¤¦à¤¿à¤œà¤¨à¥à¤¯ सकलदोश बाधा निवृतà¥à¤¤à¤¿ पूरà¥à¤µà¤• > पूरà¥à¤£ सिदà¥à¤§à¤¿ दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥à¤°à¤¾à¤°à¥‹à¤—à¥à¤¯ à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥€-पà¥à¤°à¤ªà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥à¤¥ शमन साधना पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— > करिषà¥à¤¯à¥‡| > > à¤à¤¸à¤¾ कह कर हाथ में लिया हà¥à¤† जल सामने रखे हà¥à¤ पातà¥à¤° में छोड़ दें और गले > में पहनी हà¥à¤ˆ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° जप करें| > > ॠपरम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ नारायणाय गà¥à¤°à¥à¤à¥à¤¯à¥‹ नमः| > > 1 माला मंतà¥à¤° जप करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ उस रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला को गले में धारण कर > लें और पूरà¥à¤µ दिशा की और मà¥à¤‚ह करके बैठजाà¤à¤, सामने गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ > करके घी का दीपक जलाà¤à¤‚ और हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… > > ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गतः पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं > निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚द मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠ> कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः > सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | > > 1) इसके बाद पूरà¥à¤µ की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी हà¥à¤ˆ > रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- > > ॠशà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय शà¥à¤°à¥€à¤‚ ॠ| > > 2) इसके बाद साधक अगà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤£ की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° > सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद > हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… > > ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¸à¤¾à¤•à¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं > निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠ> कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः > सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | > > इसके बाद साधक अगà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤£ की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी > रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- > > ॠà¤à¤®à¥ à¤à¤®à¥ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय à¤à¤®à¥ à¤à¤®à¥ नमः | > > 3) इसके बाद साधक दकà¥à¤·à¤¿à¤£ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर > शà¥à¤µà¥‡à¤¤ वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें > और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… > > ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ नाशयतॠसाकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं > निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠ> कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः > सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | > > इसके बाद साधक दकà¥à¤·à¤¿à¤£ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी > रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- > > ॠहà¥à¤°à¥€à¤‚ परम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¯ हà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः | > > 4) इसके बाद साधक नैरितà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर > सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें > और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… > > ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ नैरितà¥à¤¯ रकà¥à¤·à¤°à¤¾à¤œ साकà¥à¤·à¥€ > à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠ> मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः > सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | > > इसके बाद साधक नैरितà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी > रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- > > ॠकà¥à¤²à¥€à¤‚ कà¥à¤²à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय कà¥à¤²à¥€à¤‚ कà¥à¤²à¥€à¤‚ नमः | > > 5) इसके बाद साधक उतà¥à¤¤à¤° दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर > सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें > और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… > > ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ उतà¥à¤¤à¤° दिशा वरà¥à¤£ साकà¥à¤·à¥€ > à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠ> मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः > सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | > > इसके बाद साधक उतà¥à¤¤à¤° दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी > रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- > > ॠशà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः | > > 6) इसके बाद साधक वायवà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर > सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें > और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… > > ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ वायवà¥à¤¯ यकà¥à¤·à¤°à¤¾à¤œ साकà¥à¤·à¥€ > à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠ> मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः > सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | > > इसके बाद साधक वायवà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी > रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- > > ॠà¤à¤®à¥ हà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¯ शà¥à¤°à¥€à¤‚ हà¥à¤°à¥€à¤‚ à¤à¤®à¥ ॠ| > > 7) इसके बाद साधक पशà¥à¤šà¤¿à¤® दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर > सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें > और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… > > ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ पशà¥à¤šà¤¿à¤® सोम विपà¥à¤°à¤°à¤¾à¤œ > साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠ> नाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ > शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | > > इसके बाद साधक पशà¥à¤šà¤¿à¤® दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी > रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- > > ॠकà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय कà¥à¤°à¥€à¤‚ ॠ| > > 8) इसके बाद साधक ईशान कोण की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर > सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें > और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… > > ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ ईशान पृथà¥à¤°à¤¤à¥à¤¨ साकà¥à¤·à¥€ > à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠ> मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः > सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | > > इसके बाद साधक ईशान कोण की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी > रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- > > ॠहà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¥ˆ हà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः | > > 9) इसके बाद साधक ऊपर आकाश दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट > पर सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा > करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… > > ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अनंत बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤°à¤¾à¤œ > साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠ> नाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ > शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | > > इसके बाद साधक ऊपर आकाश दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी > रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- > > ॠनिं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥Œ निं नमः | > > 10) इसके बाद साधक नीचे à¤à¥‚मि की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर > सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें > और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… > > ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अधः नागराजो साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं > निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠ> कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः > सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | > > इसके बाद साधक नीचे à¤à¥‚मि की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी > रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- > > ॠनिखिलं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¥ˆ निखिलं नमः | > > इसके बाद साधक इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° दसो दिशाओं से संबंधित पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कर पà¥à¤¨à¤ƒ > मूल गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप पूरà¥à¤µ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के करे… > > ॠपरम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ नारायणाय गà¥à¤°à¥à¤à¥à¤¯à¥‹ नमः| > इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° 1 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होता है | इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° 8 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° > ये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना होता है | > > ------------ --------- --------- --------- --------- --------- - > > Regards > Akash Sharma > > > > > India has a new look. Take a sneak peek > http://in./trynew Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
Guest guest Posted October 29, 2009 Report Share Posted October 29, 2009 Jai Gurudev, Ok, theek hai, If I happen to scan it, I will upload. Regards,AnandAnand's Knowledge Series: /Tantra Public chat room: http://xat.com/ISSP AKASH SHARMA <ashakashash Sent: Thu, 29 October, 2009 10:34:46 AMRe: Poorva Janm Krit Dosh Nivaran Prayog Jai GurudevAapka sujhav bahut achha hai bhaiya lekin mere paas is book kiphotocopy hai jo ki scan karne layak nahi hai isliye maine ye tarikaapnaya hai...aage isi book se aur prayog dene ki koshish karunga...RegardsAkash SharmaOn 10/29/09, Khatri Anand <khatrianand@ > wrote:> Jai Gurudev,>> Excellent contribution Gurubhai !!>> Why don't you create a file and upload under file section ?>> So that people joining this group lateer point of time, can readily make use> of this information.>> Regards,> Anand> Anand's Knowledge Series:>>> http://groups. / group/guru- nikhil/> Tantra Public chat room: http://xat.com/ ISSP>>>>> ____________ _________ _________ __> AKASH SHARMA <ashakashash@ gmail.com>> > Thu, 29 October, 2009 12:52:15 AM> Poorva Janm Krit Dosh Nivaran Prayog>>> Jai Gurudev>> परमपूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखे गठगà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ "विशिषà¥à¤Ÿ सिदà¥à¤§ दà¥à¤°à¥à¤²à¤ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—"…पेज -३४>> पूरà¥à¤µ जनà¥à¤® कृत दोष निवारणारà¥à¤¥ शमन पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—>> 8 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° तक यह पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना है. गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° के दिन साधक सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कर> पीली धोती धारण कर पूरà¥à¤µ या उतà¥à¤¤à¤° दिशा की और मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये, सामने> पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ का चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर उनकी पूजा करें. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नैवेदà¥à¤¯> समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर, अगरबतà¥à¤¤à¥€ जलाये, घी का दीप जलाये और सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ‘गà¥à¤°à¥ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤·â€™> माला धारण कर पूरà¥à¤£> सातà¥à¤µà¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µ से ये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— संपनà¥à¤¨ करें.>> पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— विधि->> साधक 3 बार दाहिने हाथ में जल लेकर पी ले और उसके बाद हाथ धो कर> पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® करे और फिर दाहिने हाथ में जल,कà¥à¤®à¤•à¥à¤®,अकà¥à¤·à¤¤,पà¥à¤·à¥à¤ª ले कर संकलà¥à¤ª> करें…>> ॠविषà¥à¤£à¥à¤°à¥à¤µà¤¿à¤·à¥à¤£à¥à¤°à¥à¤µà¤¿à¤·à¥à¤£à¥ देशकालौ संकीरà¥à¤¤à¥à¤¯ अमà¥à¤• गौतà¥à¤°à¤¸à¥à¤¯ अमà¥à¤• शरà¥à¤®à¤¾à¤¹à¤®> ममोपरि इह जनà¥à¤® सà¥à¤µà¤•à¥ƒà¤¤ परकृत-कारित कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤®à¤¾à¤£ करिशà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤£-à¤à¥‚त-पà¥à¤°à¥‡à¤¤> पिशाचादी मंतà¥à¤°-तंतà¥à¤°-यनà¥à¤¤à¥à¤° तà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¤•à¤¾à¤¦à¤¿à¤œà¤¨à¥à¤¯ सकलदोश बाधा निवृतà¥à¤¤à¤¿ पूरà¥à¤µà¤•> पूरà¥à¤£ सिदà¥à¤§à¤¿ दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥à¤°à¤¾à¤°à¥‹à¤—à¥à¤¯ à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥€-पà¥à¤°à¤ªà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥à¤¥ शमन साधना पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—> करिषà¥à¤¯à¥‡|>> à¤à¤¸à¤¾ कह कर हाथ में लिया हà¥à¤† जल सामने रखे हà¥à¤ पातà¥à¤° में छोड़ दें और गले> में पहनी हà¥à¤ˆ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° जप करें|>> ॠपरम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ नारायणाय गà¥à¤°à¥à¤à¥à¤¯à¥‹ नमः|>> 1 माला मंतà¥à¤° जप करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ उस रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला को गले में धारण कर> लें और पूरà¥à¤µ दिशा की और मà¥à¤‚ह करके बैठजाà¤à¤, सामने गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤> करके घी का दीपक जलाà¤à¤‚ और हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गतः पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं> निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚द मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतà¥> कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> 1) इसके बाद पूरà¥à¤µ की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी हà¥à¤ˆ> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠशà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय शà¥à¤°à¥€à¤‚ ॠ|>> 2) इसके बाद साधक अगà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤£ की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤°> सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद> हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¸à¤¾à¤•à¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं> निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतà¥> कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक अगà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤£ की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠà¤à¤®à¥ à¤à¤®à¥ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय à¤à¤®à¥ à¤à¤®à¥ नमः |>> 3) इसके बाद साधक दकà¥à¤·à¤¿à¤£ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> शà¥à¤µà¥‡à¤¤ वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें> और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ नाशयतॠसाकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं> निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतà¥> कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक दकà¥à¤·à¤¿à¤£ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠहà¥à¤°à¥€à¤‚ परम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¯ हà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः |>> 4) इसके बाद साधक नैरितà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें> और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ नैरितà¥à¤¯ रकà¥à¤·à¤°à¤¾à¤œ साकà¥à¤·à¥€> à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतà¥> मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक नैरितà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠकà¥à¤²à¥€à¤‚ कà¥à¤²à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय कà¥à¤²à¥€à¤‚ कà¥à¤²à¥€à¤‚ नमः |>> 5) इसके बाद साधक उतà¥à¤¤à¤° दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें> और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ उतà¥à¤¤à¤° दिशा वरà¥à¤£ साकà¥à¤·à¥€> à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतà¥> मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक उतà¥à¤¤à¤° दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠशà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः |>> 6) इसके बाद साधक वायवà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें> और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ वायवà¥à¤¯ यकà¥à¤·à¤°à¤¾à¤œ साकà¥à¤·à¥€> à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतà¥> मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक वायवà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠà¤à¤®à¥ हà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¯ शà¥à¤°à¥€à¤‚ हà¥à¤°à¥€à¤‚ à¤à¤®à¥ ॠ|>> 7) इसके बाद साधक पशà¥à¤šà¤¿à¤® दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें> और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ पशà¥à¤šà¤¿à¤® सोम विपà¥à¤°à¤°à¤¾à¤œ> साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतà¥> नाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥> शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक पशà¥à¤šà¤¿à¤® दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠकà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय कà¥à¤°à¥€à¤‚ ॠ|>> 8) इसके बाद साधक ईशान कोण की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें> और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ ईशान पृथà¥à¤°à¤¤à¥à¤¨ साकà¥à¤·à¥€> à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतà¥> मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक ईशान कोण की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠहà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¥ˆ हà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः |>> 9) इसके बाद साधक ऊपर आकाश दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट> पर सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा> करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अनंत बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤°à¤¾à¤œ> साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतà¥> नाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥> शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक ऊपर आकाश दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠनिं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥Œ निं नमः |>> 10) इसके बाद साधक नीचे à¤à¥‚मि की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें> और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अधः नागराजो साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं> निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतà¥> कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक नीचे à¤à¥‚मि की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠनिखिलं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¥ˆ निखिलं नमः |>> इसके बाद साधक इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° दसो दिशाओं से संबंधित पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कर पà¥à¤¨à¤ƒ> मूल गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप पूरà¥à¤µ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के करे…>> ॠपरम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ नारायणाय गà¥à¤°à¥à¤à¥à¤¯à¥‹ नमः|> इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° 1 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होता है | इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° 8 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤°> ये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना होता है |>> ------------ --------- --------- --------- --------- --------- ->> Regards> Akash Sharma>>>>> India has a new look. 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Guest guest Posted October 29, 2009 Report Share Posted October 29, 2009 Namonaryan,  EK file attach kr rha hoon ...is pdf mein aapko yeh prayog page no 20 (pdf ka page no.) par mil jayega.  Jai Maa Jai Maa 2009/10/29 Khatri Anand <khatrianand  Jai Gurudev, Ok, theek hai, If I happen to scan it, I will upload. Regards,AnandAnand's Knowledge Series: /Tantra Public chat room: http://xat.com/ISSP AKASH SHARMA <ashakashash Thu, 29 October, 2009 10:34:46 AMRe: Poorva Janm Krit Dosh Nivaran Prayog  Jai GurudevAapka sujhav bahut achha hai bhaiya lekin mere paas is book kiphotocopy hai jo ki scan karne layak nahi hai isliye maine ye tarikaapnaya hai...aage isi book se aur prayog dene ki koshish karunga... RegardsAkash SharmaOn 10/29/09, Khatri Anand <khatrianand@ > wrote:> Jai Gurudev,>> Excellent contribution Gurubhai !! >> Why don't you create a file and upload under file section ?>> So that people joining this group lateer point of time, can readily make use> of this information.>> Regards, > Anand> Anand's Knowledge Series:>>> http://groups. / group/guru- nikhil/> Tantra Public chat room: http://xat.com/ ISSP >>>>> ____________ _________ _________ __> AKASH SHARMA <ashakashash@ gmail.com>> > Thu, 29 October, 2009 12:52:15 AM> Poorva Janm Krit Dosh Nivaran Prayog>>> Jai Gurudev>> परमपूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखे गठगà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ " विशिषà¥à¤Ÿ सिदà¥à¤§ दà¥à¤°à¥à¤²à¤ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— " …पेज -३४ >> पूरà¥à¤µ जनà¥à¤® कृत दोष निवारणारà¥à¤¥ शमन पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—>> 8 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° तक यह पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना है. गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° के दिन साधक सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कर> पीली धोती धारण कर पूरà¥à¤µ या उतà¥à¤¤à¤° दिशा की और मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये, सामने > पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ का चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर उनकी पूजा करें. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नैवेदà¥à¤¯> समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर, अगरबतà¥à¤¤à¥€ जलाये, घी का दीप जलाये और सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ‘गà¥à¤°à¥ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤·â€™> माला धारण कर पूरà¥à¤£> सातà¥à¤µà¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µ से ये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— संपनà¥à¤¨ करें. >> पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— विधि->> साधक 3 बार दाहिने हाथ में जल लेकर पी ले और उसके बाद हाथ धो कर> पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® करे और फिर दाहिने हाथ में जल,कà¥à¤®à¤•à¥à¤®,अकà¥à¤·à¤¤,पà¥à¤·à¥à¤ª ले कर संकलà¥à¤ª> करें…>> ॠविषà¥à¤£à¥à¤°à¥à¤µà¤¿à¤·à¥à¤£à¥à¤°à¥à¤µà¤¿à¤·à¥à¤£à¥ देशकालौ संकीरà¥à¤¤à¥à¤¯ अमà¥à¤• गौतà¥à¤°à¤¸à¥à¤¯ अमà¥à¤• शरà¥à¤®à¤¾à¤¹à¤® > ममोपरि इह जनà¥à¤® सà¥à¤µà¤•à¥ƒà¤¤ परकृत-कारित कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤®à¤¾à¤£ करिशà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤£-à¤à¥‚त-पà¥à¤°à¥‡à¤¤> पिशाचादी मंतà¥à¤°-तंतà¥à¤°-यनà¥à¤¤à¥à¤° तà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¤•à¤¾à¤¦à¤¿à¤œà¤¨à¥à¤¯ सकलदोश बाधा निवृतà¥à¤¤à¤¿ पूरà¥à¤µà¤•> पूरà¥à¤£ सिदà¥à¤§à¤¿ दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥à¤°à¤¾à¤°à¥‹à¤—à¥à¤¯ à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥€-पà¥à¤°à¤ªà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥à¤¥ शमन साधना पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— > करिषà¥à¤¯à¥‡|>> à¤à¤¸à¤¾ कह कर हाथ में लिया हà¥à¤† जल सामने रखे हà¥à¤ पातà¥à¤° में छोड़ दें और गले> में पहनी हà¥à¤ˆ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° जप करें|>> ॠपरम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ नारायणाय गà¥à¤°à¥à¤à¥à¤¯à¥‹ नमः|> > 1 माला मंतà¥à¤° जप करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ उस रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला को गले में धारण कर> लें और पूरà¥à¤µ दिशा की और मà¥à¤‚ह करके बैठजाà¤à¤, सामने गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤> करके घी का दीपक जलाà¤à¤‚ और हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…> > ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गतः पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं> निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚द मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतà¥> कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ | >> 1) इसके बाद पूरà¥à¤µ की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी हà¥à¤ˆ> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠशà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय शà¥à¤°à¥€à¤‚ ॠ|>> 2) इसके बाद साधक अगà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤£ की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° > सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद> हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¸à¤¾à¤•à¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं> निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠ> कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक अगà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤£ की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- >> ॠà¤à¤®à¥ à¤à¤®à¥ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय à¤à¤®à¥ à¤à¤®à¥ नमः |>> 3) इसके बाद साधक दकà¥à¤·à¤¿à¤£ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> शà¥à¤µà¥‡à¤¤ वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें > और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ नाशयतॠसाकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं> निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतॠ> कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक दकà¥à¤·à¤¿à¤£ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- >> ॠहà¥à¤°à¥€à¤‚ परम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¯ हà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः |>> 4) इसके बाद साधक नैरितà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें > और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ नैरितà¥à¤¯ रकà¥à¤·à¤°à¤¾à¤œ साकà¥à¤·à¥€> à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠ> मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक नैरितà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- >> ॠकà¥à¤²à¥€à¤‚ कà¥à¤²à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय कà¥à¤²à¥€à¤‚ कà¥à¤²à¥€à¤‚ नमः |>> 5) इसके बाद साधक उतà¥à¤¤à¤° दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें > और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ उतà¥à¤¤à¤° दिशा वरà¥à¤£ साकà¥à¤·à¥€> à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠ> मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक उतà¥à¤¤à¤° दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- >> ॠशà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः |>> 6) इसके बाद साधक वायवà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें > और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ वायवà¥à¤¯ यकà¥à¤·à¤°à¤¾à¤œ साकà¥à¤·à¥€> à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠ> मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः> सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक वायवà¥à¤¯ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- >> ॠà¤à¤®à¥ हà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¯ शà¥à¤°à¥€à¤‚ हà¥à¤°à¥€à¤‚ à¤à¤®à¥ ॠ|>> 7) इसके बाद साधक पशà¥à¤šà¤¿à¤® दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें > और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें…>> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ पशà¥à¤šà¤¿à¤® सोम विपà¥à¤°à¤°à¤¾à¤œ> साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠ> नाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥> शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक पशà¥à¤šà¤¿à¤® दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें- >> ॠकà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दाय कà¥à¤°à¥€à¤‚ ॠ|>> 8) इसके बाद साधक ईशान कोण की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें> और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… >> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ ईशान पृथà¥à¤°à¤¤à¥à¤¨ साकà¥à¤·à¥€> à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतà¥> मारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः > सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक ईशान कोण की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠहà¥à¤°à¥€à¤‚ निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¥ˆ हà¥à¤°à¥€à¤‚ नमः | >> 9) इसके बाद साधक ऊपर आकाश दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट> पर सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा> करें और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… >> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अनंत बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤°à¤¾à¤œ> साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतà¥> नाशयतॠमारयतॠकलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ > शांतिः सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक ऊपर आकाश दिशा की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠनिं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥Œ निं नमः | >> 10) इसके बाद साधक नीचे à¤à¥‚मि की ओर मà¥à¤‚ह कर के बैठजाये,सामने बाजोट पर> सफ़ेद वसà¥à¤¤à¥à¤° बिछा कर गà¥à¤°à¥ चितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करे, उनकी संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पूजा करें> और घी का दीपक लगायें, इसके बाद हाथ में जल लेकर संकलà¥à¤ª करें… >> ॠयो मे पूरà¥à¤µà¤—त इह गत पापà¥à¤®à¤¾ पापकेनेह करà¥à¤®à¤£à¤¾ अधः नागराजो साकà¥à¤·à¥€ à¤à¥‚तं> निखिलेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚दम मम समसà¥à¤¤ दोष पाप à¤à¤‚जयतॠà¤à¤‚जयतॠमोहयतॠनाशयतॠमारयतà¥> कलिं तसà¥à¤®à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤šà¥à¤›à¤¤à¥ कृतं मम (अपना नाम बोलें) गà¥à¤°à¥ शांतिः > सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤šà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥ |>> इसके बाद साधक नीचे à¤à¥‚मि की ओर मà¥à¤‚ह किये हà¥à¤ ही अपने गले में पहनी> रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· माला से निमà¥à¤¨ गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप करें->> ॠनिखिलं निखिलेशà¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¥ˆ निखिलं नमः | >> इसके बाद साधक इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° दसो दिशाओं से संबंधित पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कर पà¥à¤¨à¤ƒ> मूल गà¥à¤°à¥ मंतà¥à¤° की 1 माला मंतà¥à¤° जप पूरà¥à¤µ दिशा की ओर मà¥à¤‚ह कर के करे…>> ॠपरम ततà¥à¤µà¤¾à¤¯ नारायणाय गà¥à¤°à¥à¤à¥à¤¯à¥‹ नमः|> इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° 1 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होता है | इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° 8 गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° > ये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना होता है |>> ------------ --------- --------- --------- --------- --------- ->> Regards> Akash Sharma>>>>> India has a new look. Take a sneak peek > http://in.. com/trynew From cricket scores to your friends. Try the India Homepage! 1 of 1 File(s) Vishisht_Siddh_Durlabh_Prayog_.pdf Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
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