Guest guest Posted March 1, 2010 Report Share Posted March 1, 2010 पà¥à¤°à¤¿à¤¯ सखी शà¥à¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¤ होली की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚ पà¥à¤°à¥‡à¤® में गाली गोपिया शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ को गाली दे रही है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤• तो ये होता है कि किसी को à¤à¤—ाना हो तो उसका अपमान कर दो या गाली दे दो ये दà¥à¤µà¥‡à¤· से गाली दी जाती है और à¤à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤® से गाली दी जाती है जो रस पैदा करती है उससे खीच कर पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ बार बार आता है गोपी पà¥à¤°à¥‡à¤® तो बहà¥à¤¤ बड़ी बात है अगर थोडा सा à¤à¥€ जीव के हà¥à¤°à¤¦à¤¯ में पà¥à¤°à¥‡à¤® आ जाठतो à¤à¤—वान सà¥à¤µà¤¯à¤‚ कहते है ! कि मै उसे अपने मन मंदिर में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ देता हूठ! संसार में कोई चाहे बहà¥à¤¤ गरीव है, खाने को रोटी à¤à¥€ नहीं लेकिन उसके आगे देवता à¤à¥€ à¤à¥à¤•à¤¤à¥‡ है कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ उनके हà¥à¤°à¤¦à¤¯ में पà¥à¤°à¤à¥ पà¥à¤°à¥‡à¤® है जो सब से बड़ा धन है जो कि इनà¥à¤¦à¥à¤° के à¤à¥€ पास नहीं है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जहां à¤à¥‹à¤— है वहां पà¥à¤°à¥‡à¤® नहीं होता ! ये बात हमे सदा याद रखनी चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये ही à¤à¤• वसà¥à¤¤à¥ हमे à¤à¤—वान से अलग कर रही है ! हम à¤à¥€ कपट करते है ! हमारा कपट ये है कि हम शरीर को अपना माने बैठे है ! संसार को अपना मान बैठे है, पैसे को अपना मान बैठे है ! गोपिया शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ को कह रही है कि तà¥à¤® कपटी ही नहीं तà¥à¤® तो कृतघà¥à¤¨ à¤à¥€ हो ! à¤à¤• गीत में गोपियों ने पà¥à¤°à¥‡à¤® से ये सब कहा है ! गोपिया कृषà¥à¤£ को कपटी की साथ साथ अब कृतघà¥à¤¨ à¤à¥€ कह रही है ! कृतघà¥à¤¨ का मतलब होता है, किये हà¥à¤ को नहीं मानना ! अब गोपिया कृषà¥à¤£ को कह रही है कि तà¥à¤® कृतघà¥à¤¨ हो ! अहसान नहीं मानते हो ! à¤à¤²à¥‡ के साथ बà¥à¤°à¤¾ करते हो ! राधे राधे जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¥€à¤· सेवक à¤à¤µà¤® साधक :- आचारà¥à¤¯ सà¥à¤¶à¥€à¤² अवसà¥à¤¥à¥€ " पà¥à¤°à¤à¤¾à¤•à¤° " Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
Recommended Posts
Join the conversation
You are posting as a guest. If you have an account, sign in now to post with your account.
Note: Your post will require moderator approval before it will be visible.