Guest guest Posted June 18, 2009 Report Share Posted June 18, 2009 --- On Wed, 6/17/09, Rahul Chitkara (South Asia) <Rahul.Chitkara wrote: Rahul Chitkara (South Asia) <Rahul.ChitkaraOM SAI RAM.17 & 18.6.09.rahul.chitkaraDate: Wednesday, June 17, 2009, 4:06 PM  OM SAI RAM "CHANCHAL MANVA THIR RAHEY,BHAV BHAKTI BHAR LAYE,ISHWAR CHINTAN MAIN RAMEY,SHARNAN BABA PAYE" Bow to Shri Sai - Peace be to all. MERI SAMPATI KEVAL EK KOPIN OR TAMRAIL HAI.LOG BINA KARAN HI MULYAVAN PADARTH LAKAR MUJHEY DUKHIT KARTAY HAIN. OM SAI RAM, Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai à¤à¤—वान को दिल का चोर कहा गया है! सारी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤—वान की है। हालांकि आपको यह पता नहीं होता है लेकिन आप सब उनसे जà¥à¥œà¥‡ हैं। इसलिà¤, वह किसी से à¤à¥€ कà¥à¤› à¤à¥€ ले सकते है। वे आकाश, वायà¥, अगà¥à¤¨à¤¿, जल और पृथà¥à¤µà¥€ के निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ है, वे पृथà¥à¤µà¥€ को आकाश में और आकाश को पृथà¥à¤µà¥€ में बदल सकते हैं। इसके साथ ही वे लोगों के दिलों पे काबू करके उसे पà¥à¤°à¥‡à¤® से à¤à¤° सकते हैं। à¤à¤• बार जब लोगों को उनके पà¥à¤¯à¤¾à¤° के मिठास का सà¥à¤µà¤¾à¤¦ पता चलता है, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ किसी और चीज की इचà¥à¤›à¤¾ नहीं रहती है। यही कारण है कि वह "चितà¥à¤¤à¤¾ चोर" (दिल का चोर) कहा जाता है। उनसे पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करो "हे ईशà¥à¤µà¤°! मेरे हà¥à¤°à¤¦à¤¯ में à¤à¥€ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करो और उसे पà¥à¤°à¥‡à¤® से à¤à¤° दो जिससे मै आपके पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में दूसरों बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¥‡à¤® कर सकूं"। दूसरों की वसà¥à¤¤à¥à¤“ं पे लोठमत करो। दूसरों के बारे में बात मत करो और यदि करना ही है तो उनकी अचà¥à¤›à¥€ बातों के बारे में करो। ~ बाबा Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की हर वसà¥à¤¤à¥, हर घटना, वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ में, ये आपको à¤à¤• पाठसिखाता है। à¤à¤• बार à¤à¤—वान दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤• सà¥à¤¬à¤¹ समà¥à¤¦à¥à¤° तट पर धीमे धीमे चल रहे थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देखा लहरें धीरी धीरे लेकिन वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ रूप से, किनारे की ओर घास-तिनके जमा कर रही है, वह उसे à¤à¤• किनारे से दà¥à¤¸à¤°à¥‡ किनारे तक तब तक ले जा रही है जब तक वह à¤à¥‚मि पर जमा ना हो जाये! समà¥à¤¦à¥à¤° काफी विशाल होती है, यह गहरी और शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ होती है। लेकिन, फिर à¤à¥€ यह लगातार सà¤à¥€ बाहरी चीजों से अपने आपको सà¥à¤µà¤šà¥à¤› करने में लगी रहती है। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° आपको à¤à¥€ à¤à¤• छोटी सी इचà¥à¤›à¤¾ को à¤à¥€ मन में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ नहीं देनी चाहिà¤à¥¤ इसे अपने आप से निकल देना चाहिठताकि ये आपको हानि ना पंहà¥à¤šà¤¾ सके। निरंतर सावधानी के कीमत पर ही शांति और खà¥à¤¶à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो सकती है। ~ बाबा Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का अरà¥à¤¥ है परिपूरà¥à¤£ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥¤ यह उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ विहीन पà¥à¤°à¥‡à¤® है। किसी गà¥à¤ªà¥à¤¤ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ पर आधारित पà¥à¤°à¥‡à¤® असली पà¥à¤°à¥‡à¤® नहीं हो सकता है। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤• नदी समà¥à¤¦à¥à¤° में à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• आवेग दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शामिल होती है, जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤• लता हवाओं के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• रूप से पेड़ के चारों ऊपर चढ़ने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करता है, उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤•à¥à¤¤ का पà¥à¤¯à¤¾à¤° किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के सांसारिक इचà¥à¤›à¤¾à¤“ं से मà¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¤—वान को à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ करने की à¤à¤• सहज अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ है। इससे पता चलता है कि इसके लिà¤(à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिà¤) à¤à¤—वान के अलावा और किसी आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नहीं होती। यह अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के लिठशूनà¥à¤¯à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤¤ है। à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ ईशà¥à¤µà¤° से उसकी सरà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¤¤à¤¾ के साथ समà¥à¤¬à¤‚धित है। आपको इसका अहसास होना ही चाहिठकि ईशà¥à¤µà¤° सà¤à¥€ में मौजूद हैं। केवल जब आप ईशà¥à¤µà¤° के सरà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¤¤à¤¾ को पहचानेगे तà¤à¥€ आप उसका अनà¥à¤à¤µ करने में सकà¥à¤·à¤® होंगे। ~ बाबा Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Om Sai Sri Sai Jai Jai Sai Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
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