Guest guest Posted May 27, 2009 Report Share Posted May 27, 2009 Wednesday , May 27, 2009 दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से बंध जाने का सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारण मन को बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आजादी दे देना है। उदाहरण के लिà¤, जब à¤à¤• जानवर को किसी खमà¥à¤à¥‡ से बंध दिया जाता है, तब ना वह विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में घूमकर फसलों को नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤šà¤¤à¤¾ है ना ही अनà¥à¤¯ लोगों को, साथ ही उसकी शरारत के बाद उसकी पिटाई à¤à¥€ नहीं होती है। इसलिà¤, मन को कà¥à¤› नियम और सीमाओं के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बांध कर रखना चाहिà¤à¥¤ जब तक मनà¥à¤·à¥à¤¯ कà¥à¤› नियम और कानून से बंधे रहता हैं और à¤à¤• अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ जीवन जीता है, वह à¤à¤• अचà¥à¤›à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤§à¥à¤¦à¥€ अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ à¤à¤• सà¥à¤–ी और उपयोगी जीवन जीने में सकà¥à¤·à¤® रहता है। जैसे ही वह इन सीमाओं को पार करेगा, वह à¤à¤Ÿà¤• जाà¤à¤—ा। ~ बाबा साई सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
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