Guest guest Posted June 17, 2009 Report Share Posted June 17, 2009 Monday , Jun 15, 2009धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ से, आप जनना (आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨) का विकास कर सकते हैं और जपमॠ(à¤à¤—वान के नाम का पाठ) से आप à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का विकास कर सकते हैं और इन दोनों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आप अहंकार के नासूर से à¤à¤°à¥‡ अपने दिल को शà¥à¤¦à¥à¤§ कर सकते हैं। आप अपने आपको à¤à¤—वान के साथ, पà¥à¤¯à¤¾à¤° की à¤à¤• शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जोड़ सकते है, यह शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला à¤à¤—वान के नाम के ससà¥à¤µà¤° पाठके माधà¥à¤¯à¤® से, खामोशी में और इसके सूकà¥à¤·à¤® अरà¥à¤¥ और इसकी जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के साथ बनाई जा सकती है। हर बार आप दिवà¥à¤¯ नाम का जाप करो, और जितनी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कडीयां होगी बंधन उतना मजबूत होगा। लेकिन हर कड़ी सà¥à¤Ÿà¥€à¤² की जालियों से अचà¥à¤›à¥€ तरह बंधी होनी चाहिà¤à¥¤ नाम सà¥à¤®à¤°à¤£ में थोडी सी ढिलाई या उपेकà¥à¤·à¤¾, उदासीनता या कà¥à¤°à¥‹à¤§, दà¥à¤µà¥‡à¤· या विदà¥à¤µà¥‡à¤· दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनी कमजोर कड़ी बंधन को कमजोर बना देगी। ~ बाबा साई सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
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